स्वामी श्री हरिनारायणाचार्य जी महाराज आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणाश्रोत हैं। देश-विदेश में विभिन्न धार्मिक आयोजनों के माध्यम से भगवान् की कथा एवं भगवान् की लीलाओं का अपनी सुमधुर वाणी से वर्णन कर जनमानस में प्रचार-प्रसार करके भगवान् से जोड़ रहे हैं।
बाल्यावस्था से ही आपमें यह गुण विद्यमान थे जो आज नई प्रतिभा बनकर समाज के आम मानवीय को प्रेरित कर रहे हैं। आपका जन्म उत्तरप्रदेश के गोण्डा जनपद में ग्राम लालपुर नामक ग्राम में सरयू पारीण ब्राह्मण के तिवारी परिवार में हुआ आपके पिता पूज्य श्री महोश तिवारी एवं माता पूज्यनीया श्रीमती किरन देवी तिवारी हैं।
बाल्यकाल से ही अलग व्यक्तित्व एवं प्रतिभा के धनी होने पर आपका मन वेदाध्यन एवं वैष्णव सनातन परम्परा की ओर प्रेरित होने के कारण परम पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री जयेन्द्र सरस्वती जी के लखनऊ विद्यालय में श्री काञ्ची कामकोटि वेद पाठशाला में पूज्य श्री यश जी स्वामीनाथन गुरुदेव की पावन सन्निधि में अल्पकाल में शुक्ल यजुर्वेद का सांगोपांग अध्ययन किया। तदोपरान्त अयोध्या स्थित श्रीरामलला देवस्थानम् पीठाधीश्वर परम पूज्य जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी डॉ० श्री राघवाचार्य जी महाराज से वैष्णव दीक्षा प्राप्तकर श्रीमद्भागवत, श्रीरामकथा का अध्ययन किया। अयोध्या में रहकर अन्य धार्मिक ग्रन्थों का विशेष अध्ध्यन किया। अध्ययन पूर्ण होने पर आपके द्वारा कथा प्रवचन के माध्यम से भगवत्भागवत् कार्य से जनमानस का मागदर्शन कर रहे हैं।
सम्प्रति पूज्य स्वामी जी निरन्तर धर्म प्रचार कर रहे हैं। अभी कुछ समय पूर्व आपने श्री हरिनारायण चेरीटेबल सेवा ट्रस्ट की स्थापना की है जिसका उद्देश्य गौ-संत सेवा, ब्राह्मण सेवा, विद्यार्थी सेवा के साथ भगवत्भागवतों की सेवा है। अपने वैशिष्ट से आप अपने पूर्वाचार्यों की कृति को ऐसे ही संजोये रखें साथ ही आपका समय एवं धन सेवा कार्यों में लगता रहे और अपने शिष्य-प्रशिष्यों को भी सेवा कार्यों को करने के लिए प्रेरित करने हेतु आप प्रेरणाश्रोत बनें रहें इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ आप सदैव स्वस्थ्य रहे और भगवान् की कृपा आप पर बनी रहे। जय श्रीमन्नारायण !